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द्वितीय विश्वयुद्ध के बाद यूरोप का हाल वही है जैसे महाभारत युद्ध के भारत का हुआ था।
योद्धा कम हो गये
बुद्धजीवी ज्यादा।
रूस का एक बाल भी उखाड़ नहीं पायेंगें।
हमारा तो सौभाग्य था बीच में विक्रमादित्य जैसे महान राजा आ गये तो भारत बच गया। नहीं तो भांटो , भिक्षुओं से देश भर गया था।
चक्रवर्ती महाराज विक्रमादित्य को इसलिए भगवान राम के समान ही महान प्रतापी शासक कहा जाता है।