कुछ हिन्दू मंदिर जो वामपंथीयो की झूठी कहानियों की भीड़ में खोकर रह गए जबकि असल मायनो में सुंदरता इसे कहते है ।
इस मंदिर में चारों ओर स्थित तीन आयामी प्रतिमाओं को देख कर आपकी आँखे ये मानने से इनकार कर देंगी कि यह मंदिर चोल वंश से पूर्व का है।
यहाँ स्थित अभिलेखों के अनुसार देवी भद्रकाली को समर्पित यह मंदिर ११वीं सदी में भी अस्तित्व में था।
मंदिर में प्रवेश करते ही ऐसा प्रतीत होता है मानो प्रतिमाएं छत से, चौखटों से, भित्तियों से तथा स्तंभों से निहार रही हों।
पथिरकाली अम्मा मंदिर, श्रीलंका

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