पहलवान थप्पड़ प्रकरण
सत्येन्द्र मलिक अंतराष्ट्रीय पहलवान है, हिन्द केसरी है और सेना का जवान भी है। एक रैफरी का इस तरह से शरेआम इतने बड़े पहलवान को थप्पड़ मारना सरासर गलत है। इतने शॉर्ट टैम्पर का व्यक्ति रैफरी बनने के लायक ही नहीं है। अपनी इज्जत करवाना अपने हाथ में होता है। एक पहलवान को थप्पड़ मारके रैफरी क्या उम्मीद करता है कि वो उसको माला डालेगा।
पहलवान ने बदले में 2 हाथ रैफरी को भी लगा दिए
कुश्ती फेडरेशन अब पहलवान पर आजीवन प्रतिबंध लगा रही है।
गलती दोनों पक्षों की है, पहले रैफरी ने गलती की और बाद में पहलवान ने
अनुशाशन भंग हुआ है तो सजा भी बनती है
लेकिन एक तरफा फैसला कई सवाल खड़ा करता है।
सत्येन्द्र मालिक बहुत प्रतिभाशाली पहलवान है और आजीवन प्रतिबंध पहलवान के जीवन को ही बर्बाद करने वाला है।
फेडरेशन ध्यान रखे कि पहलवान को उकसाया गया है,उसके खिलाफ साजिश रची जा रही है
इस तरह से एक पहलवान का कैरियर खराब करना गलत है
उच्च स्तरीय जांच हो और उतनी ही सजा मिले जिसका जितना गुनाह है
मैं सत्येन्द्र मलिक के साथ खड़ा हूँ
जय हिंद जय भारत