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पिता -पुत्र की जोड़ी ने शांतिधूर्त की नाक में दम कर दिया है, 100 वां केश लड़ रहे है हमारे हिन्दू सनातन धर्म के आस्तित्व के लिए,

यह वही जैन समाज है जो देश मे सिर्फ 0.37% है (जो कि आधे % से भी कम है ) लेकिन कभी माइनॉरिटी (अल्पसंख्यक) कार्ड को हथियार नही बनाया ! आपको जान के आश्चर्य होगा ! देश मे दान का 62% सिर्फ जैन समाज दान करता है ! पूरे देश मे टेक्स के माध्यम से आने वाले राजस्व में 24% का योगदान सिर्फ 0.37% जनसख्या वाले जैन समाज का है ! मैं आपने समाज के दोनों वीरो को प्रणाम करता हूँ !
वरिष्ठ अधिवक्ता श्री हरिशंकर जैन जी और उनके पुत्र श्री विष्णु शंकर जैन जी की मेहनत का नतीजा है कि पहले राम मंदिर और अब ज्ञानवापी का सच सामने आ रहा है ! पिता-पुत्र की इस जोड़ी ने मथुरा के लिए भी याचिका डाली है जिसे मा.उच्चतम न्यायालय ने स्वीकार कर लिया है. ऐसे पिता पुत्र की जोड़ी को सनातन धर्म के रक्षा मे अहम योगदान के लिए पुनः बारम्बार प्रणाम🙏🙏

सनातन सदैव आप पर गर्व करेगा 🚩🙏🙏
#gyanwapi

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