(1) जिनके पास अपने हैं,
वह अपनों से झगड़ते हैं,
जिनका कोई नहीं अपना,
वह अपनों को तरसते हैं,
कल ना हम होंगे,
ना गिला होगा,
केवल सिमटी हुई यादों का,
सिलसिला होगा,
जो लम्हे हैं चलो,
हंसकर बिता लें,
जाने कल जिंदगी का,
क्या फैसला होगा....