हमारे यहाँ शादी में कुछ आदमी हलवाई के पास कुर्सी लगाकर बैठे रहते है।
ये ज्यादातर मामाजी, मौसाजी, फूफाजी, या जीजाजी होते हैं। ये पाककला के बारे में घण्टा कुछ नहीं जानते फिर भी चार पांच बार दोनों हाथ पीछे बांधकर हर चीज को देखते हैं और हलवाई को रटे रटाए प्रश्न पूछते हैं...
पकौड़ी में बेसन कम है ? कचौड़ी थोड़ी नरम रखना, 25 लीटर दूध आया था वो कहाँ चला गया ??
जलेबी थोड़ी पतली बनाना, गुलाबजामुन मे मैदा थोड़ा और बढ़ाओ !
इन्हें ये काम सोंपने के पीछे बेसिक राज ये होता है कि शादी के बाकी काम शांति से निपट जाये... 😜😜😜