कहते हैं, साधु-संत मोह-माया से परे होते हैं, लेकिन इस बार माजरा कुछ अलग है, MP में चुनाव के साथ संतों और बाबाओं की वाणी भी सियासी रंग में दिख रही है और जमकर राजनीतिक दलों की तारीफें करते सुनाई दे रहे हैं
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