आज से सावन आरंभ हो गया। अभिनन्दन। स्वागत। मंगल हो। आज से हरी तरकारी, दूध सेवन बंद। सच तो यह है, कालगणना ही हर समाज की संस्कृति है, जो समाज को अपनी प्रकृति, परिवेश और आपस में जोड़ती है। काल गणना बदल दो, वह समाज दिशाहारा हो जाएगा।समाज ही है, जिसने हमारी कालगणना को बचाए रखा है।