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जीवन को पूर्ण करने के लिए आपको प्राप्त करना ही नहीं अपितु त्यागना भी है और आत्म-चिन्तन के बाद क्या प्राप्त करना है
और क्या त्याग करना है ?
यह भी आप सहज ही समझ जाओगे।

पुष्प को सबका प्रिय बनने के लिए खुशबू तो लुटानी ही पड़ती है।

श्रीराधे राधे सनातनवंशियों!
🙏🌷