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खबरों को दूर से देखा जाता और दिखाया जाता है। जूम इन किया जाए तो ख़बर सत्य बोलने लगती है। लगभग दांत पीसते हुए प्रियंका जी किसी का हाथ मरोड़ रही है। वह हाथ किसी कांग्रेसी का नहीं है। वह एक महिला पुलिसकर्मी का हाथ है, जिसे गुस्से में मरोड़ा जा रहा है। छुपी हिंसा का ये नायाब गुर इन्होंने मोहनदास करमचंद से सीखा है। सबके सामने मैडम पीड़ित हैं किंतु जूम बता रहा है कि छुपी हिंसा चालू है। इस गुस्से का कारण अहंकार है। कोई अदना पुलिसकर्मी इनको कैसे छू सकता है। ये तीखी नाक और फूलते नथुने देख लो। ये सच में दादी की नाक है, इमरजेंसी की नाक गुस्सिया गई है।
#विपुल_रेगे

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