गिरगिट जैसे आज न्यूयोर्क टाइम्स लहरा रहा है,,
मुख्यमंत्री बनने से पहले ठीक ऐसे ही कुछ कागज शीला दीक्षित के भ्रष्टाचार के भी लहराया करता था..
आखिर में निकला केवल घंटा..