आप यह जानकर चौंक जाएंगे कि पाकिस्तानी नेवी 8 सितंबर को अपना नेवी दिवस सिर्फ एक गाय को मारने और भारत के द्वारिका में हिंदुओं के महान तीर्थ स्थल द्वारिकाधीश मंदिर पर हमले करने के उपलक्ष में मनाती है।
इसी से आप इस कौम की घटिया सोच का अंदाजा लगा सकते हैं!
8 सितंबर 1965 की आधी रात के बाद 6 पाकिस्तानी विध्वंसक जहाज PNS बाबर, PNS खैबर, PNS शाह, PNS जहांगीर, PNS टीपू सुल्तान, PNS आलमगीर और एक पनडुब्बी PNS गाजी, भारतीय मंदिरों के शहर और हिन्दुओ के तीर्थ द्वारका से महज 5.8 नॉटिकल मील की दूरी तक आए और फायरिंग शुरू कर दी!
दरअसल पाकिस्तानी नेवी हिंदुओं के प्रसिद्ध मंदिर द्वारिकाधीश मंदिर को नष्ट करके भारत पर एक मनोवैज्ञानिक दबाव बनाना चाहती थी, साथ ही साथ हुआ इस युद्ध में यह दिखाना चाहती थी कि मुगलों ने फिर से हिंदुओं के मंदिरों को नष्ट करना शुरू कर दिया है!
भारत सरकार यह सोच कर निश्चिंत थी कि पाकिस्तान युद्ध में कभी पवित्र मंदिर को निशाना नहीं बनाएगा, क्योंकि कोई भी देश लड़ाई में सामरिक ठिकानों पर बमबारी करता है या हमले करता है, न की किसी मंदिर मस्जिद या चर्च पर हमला करता है इसलिए द्वारिकाधीश मंदिर की इतनी सुरक्षा नहीं थी!
द्वारका मंदिर के समुद्री तट के समानांतर खड़े द्वितीय विश्व युद्ध के पुराने बेड़ों से सजे पाकिस्तानी युद्धपोत ने उस रात द्वारकाधीश मंदिर पर 50 गोले दागे! पाकिस्तानी नेवी ने जिसे 'ऑपरेशन द्वारका' नाम दिया था, उसका मकसद उस रडार स्टेशन को नष्ट करना था जो कि भारत को अरब सागर में नेवी की गतिविधियों की निगरानी करने में मददगार था! साथ ही साथ पाकिस्तानी नेवी द्वारिकाधीश मंदिर को भी नष्ट करना चाहती थी!
हालांकि पाक नेवी की बमबारी मात्र चार मिनट तक जारी रही! पाकिस्तानी सेना जामनगर स्थित भारतीय एयर फोर्स द्वारा किए जाने वाले हवाई हमले के डर से कराची वापस लौट गई!
अब आप सोचिए कि हमलों के बाद क्या हुआ...!
ईश्वर की माया से समुद्र का जल स्तर 2 इंच ऊपर उठ गया और पाकिस्तानी नेवी हमलावरों ने जिस लेवल से मंदिर के निशाने को लिया था वह कोण जलस्तर ऊपर उठने से उपर उठ गया और सभी गोले मंदिर के ऊपर से होते हुए खाली सड़क पर और पास के एक खाली मैदान में जाकर गिरे! इस हमले में एक गाय की मौत हो गई और एक स्टीम इंजन नष्ट हो गया!
अगले दिन सुबह घटनास्थल पर गई नेवी की टीम के मुताबिक पाकिस्तान द्वारा दागे गए गोले रेलवे स्टेशन और मंदिर की नरम जमीन पर गिरे थे और इन्होंने गेस्ट हाउस और एक स्टीम इंजन को नुकसान पहुंचाया था! इस घटना में सिर्फ एक गाय की मौत हुई, जो हमले के समय इसके आसपास थी! नुकसान ज्यादा नहीं हुआ, क्योंकि कुल दागे गए 50 गोलों में से 40 फटे ही नहीं..!
सभी बिना फटे हुए गोले शारदा पीठ की लाइब्रेरी में रखे हुए हैं।