हम दावे के साथ कह सकते हैं कि दुनियाँ के सात अजूबों की लिस्ट बनाने वालों के पास इतने पैसे नहीं थे कि वो भारत के सभी मंदिरों को देख सकें !
वरना आज सातों अजूबे केवल हमारे मंदिर ही होते...!
आप इस मंदिर को देखिये और सोचिए कि हमारी विरासत कितनी समृद्ध हुआ करती थी !