विराट कोहली... यही एक शख्स है जो आईसीसी टूर्नामेंट्स में भारत की हार के लिए जिम्मेदार था। इसको कप्तानी से हटाने के बाद राम राज्य आ गया है। सब कुछ बदल गया है। तत्कालीन बीसीसीआई अध्यक्ष सौरव गांगुली ने भी कहा था कि जिस कप्तान ने 5 आईपीएल ट्रॉफी जीती हैं, उन्हें पूरा विश्वास है कि वह भारत को वर्ल्ड कप विजेता बना देगा। विश्वास तो ठीक है लेकिन दादा भूल गए कि इसी विश्वास में विष का वास होता है। अब आईपीएल ट्रॉफी जीतने से हिंदुस्तान की कप्तानी का फैसला होगा। प्रदर्शन और फिटनेस का कोई महत्व नहीं?
T-20 वर्ल्ड कप 2022 के 6 मुकाबलों में 99 की औसत से 296 रन...! 2014 और 2016 के बाद फिर एक बार वर्ल्ड कप में मैन ऑफ द टूर्नामेंट। T-20 इंटरनेशनल के इतिहास में 4,000 रन बनाने वाले पहले और इकलौते बल्लेबाज। यह सब बेमानी है क्योंकि भारत फिर एक बार नॉकआउट मुकाबलों में चोक कर गया। जिस तरीके से पिछले टी-20 वर्ल्ड कप में हार के बाद विराट कोहली को निशाना बनाया गया था, वह याद करके आज भी मन दुखी हो जाता है। इस हार के बाद भी उसी तरीके से जिम्मेदारी तय की जानी चाहिए। अगर 2021 वर्ल्ड कप में हार के लिए विराट जिम्मेदार था तो इस बार हार के लिए कौन दोषी?
पाकिस्तान के खिलाफ 2021 वर्ल्ड कप में टीम इंडिया 10 विकेट से हारी थी लेकिन विराट ने अर्धशतक बनाया था। आज भी इंग्लैंड ने भारत को 10 विकेट से पीटा लेकिन विराट ने मुश्किल हालात में अर्धशतक जड़ा। पता है, असल बात क्या है? बात ये है कि कमी कभी विराट में थी ही नहीं। लास्ट ईयर भी वर्ल्ड कप में भारत की सलामी जोड़ी फ्लॉप रही थी और इस साल भी 6 मुकाबलों में एक भी दफा हमें उनसे 50 रन की पार्टनरशिप भी नसीब नहीं हुई। भारतीय चयनकर्ताओं ने सलामी जोड़ी बदलने की बजाय कप्तान बदलना बेहतर समझा। अब जब बीसीसीआई और चयनकर्ताओं ने सारी रणनीति विराट को हटाने की राजनीति में लगा दी तो भला हमें वर्ल्ड कप कैसे नसीब होता? कड़वा है लेकिन हकीकत यही है।