एक डॉक्टर को शायरी का जबरदस्त शौक़ था।
वो मरीज़ को देखने औऱ दवा देने के बाद उन्हें कुछ इस तरह से समझाता था........
दिल बहला के मोहब्बत को न धमाल करें,
सीरप को अच्छी तरह हिला के इस्तेमाल करें..!
दिल मेरा टूट गया उठी जब उसकी डोली,
सुबह दोपहर शाम रात बस एक एक गोली...!
लौट आओ कि फ़िर मोहब्बत का सुरूर चखे,
तमाम दवाईयां बच्चों की पहुंच से हमेशा दूर रखें...!
दिल मेरा इश्क करने पर हरदम रजामंद रहेगा,
इतवार के दिन अस्पताल पूरी तरह बंद रहेगा...!!