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रियासतक़ालीन जोधपुर (मारवाड़) में नगर की सफाई के लिए मैला गाड़ी ट्रेन चला करती थी।
प्रथम बार जोधपुर म्युनिसिपल्टी महाराजा जसवन्तसिंहजी द्वितीय (1873-1895 ई.) केसमय श्री आचीबाईल्ड एडम्स के निर्देशन में सफाई कमेटी बनाई गई थी।
नगर में आवागमन के लिए 1898 ई. में ट्राम गाड़ी शुरू की गई जो 1906 ई. तक चली थी। इस गाड़ी को भैंसो से खींचा जाता था।
मेला गाड़ी सिंवाची दरवाजे से होकर जालोरी दरवाजा, सोजती गेट, घण्टाघर, मेड़ती गेट व नागौरी गेट होकर भदवासिया तक चलती थी। यह गाड़ी दिन में दो बार मेला लेकर जाती थी। मेला गाड़ी की यह लाईन 1952 में बंद कर दी गई तथा इंजन 1962 में रेलवे द्वारा बेच दिया गया।
पुस्तक प्रकाश के अभिलेखीय दस्तावेजों में इसके नक्शे व जानकारी मिलती है।
शहर में सार्वजनिक शौचालय भी बनाये गये थे जो नक्शों में दर्शाये गए हैं। एक प्रकार से तत्कालीन समय में नगर की सफाई पर विशेष ध्यान दिया जाता था, ऐसा दस्तावेजों से ज्ञात होता है।

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