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भारत सरकार इन 10 देशों में रहने वाले इंडियंस को देने जा रही यूपीआई पेमेंट सुविधा, यहां देखिए नाम
बिजनेस डेस्क। भारत जल्दी ही यूपीआई यानी यूनिफाइड पेमेंट इंटरफेस को ग्लोबली बनाएगा। यह पहल फिलहाल दस देशों के लिए की जा रही है। ऐसा होता है तो इन देशों में रहने वाले भारतीय अपने इंटरनेशनल मोबाइल नंबर का उपयोग कर यूपीआई से पेमेंट कर सकेंगे। यही नहीं, इन दस देशों के एनआरआई यानी प्रवासी भारतीय अपने भारत के फोन नंबर पर डिपेंड हुए बिना भी ट्राजेंक्शन के लिए यूपीआई सर्विस का उपयोग कर सकते हैं।

जिन देशों में यह पहल की जा रही है, उनमें सिंगापुर, अमरीका, आस्ट्रेलिया, कनाडा, हांगकांग, ओमान, कतर, सऊदी अरब, संयुक्त अरब अमीरात और यूनाइटेड किंगडम शामिल हैं। भारतीय राष्ट्रीय भुगतान निगम के अनुसार, अंतरराष्ट्रीय मोबाइल नंबर वाले एनआरई/एनआरओ जैसे अकाउंट यूपीआई का इस्तेमाल कर लेनदेन कर सकते हैं। पेमेंट्स कॉरपोरेशन ने पार्टनर बैंकों को निर्देश जारी किया कर इसका पालन करने के लिए 30 अप्रैल तक का वक्त दिया है।
दिसंबर में 12 लाख करोड़ का यूपीआई लेनदेन हुआ

बता दें कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता वाली एक कैबिनेट समिति ने बुधवार को रुपे डेबिट कार्ड और कम मूल्य वाले भीम-यूपीआई लेनदेन को बढ़ावा देने के लिए कुल 2600 करोड़ रुपए की स्कीम को मंजूरी दी है। अधिकारियों के अनुसार, बड़े यूपीआई से अंतरराष्ट्रीय छात्रों, विदेश में रहने वाले परिवारों और स्थानीय कारोबारियों को इससे बड़ी मदद मिलेगी। इस योजना के तहत बैंकों को RuPay और UPI का उपयोग कर ट्रांजेक्शन को बढ़ावा देने के लिए वित्तीय प्रोत्साहन भी प्रदान किया जाएगा। इस बारे में प्रधानमंत्री मोदी ने एक ट्वीट में कहा, रुपे डेबिट कार्ड और भीम-यूपीआई लेनदेन को बढ़ावा देने के संबंध में कैबिनेट के फैसले से डिजिटल भुगतान में भारत की प्रगति और मजबूत होगी। केवल छह वर्षों में यूपीआई लेनदेन में भारी उछाल आया है। पिछले साल दिसंबर में 12 लाख करोड़ रुपये से अधिक के यूपीआई लेनदेन हुए।

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