लो खा लो मांस के भूखे इंसानों ,तुम्हारे लिए मस्त फ्राइड लेग पीस,क्यों भाई मुंह क्यू बना रहे हो खा लो न ,ये भी चिकन मटन की तरह उतना ही टेस्टी है और प्रोटीन तो भर भर के है इसमें।
जिसकी चेतना तुम्हारी तरह है उसका मांस तुम नही खा सकते क्योंकि उसका मांस खाना खुद के ही मांस को खाने जैसा है ये बिलकुल तुम्हारी तरह है इसलिए। तुम स्वाद के लालची इंसान प्रोटीन और न्यूट्रिएंट्स का बहाना कर के छोटे कमजोर जीवों को जबरन पैदा करते हो ,फिर तरह तरह के कुतर्क करते हो ,और फिर खुद से कमजोर इन मासूम जीवो को मार के खाने लगते और और बोलते हो ये खाने के लिए ही बने है ,तुम अपने ही बच्चे को को क्यों नही खा लेते पैदा तो करते ही हो उन्हे खा भी लिया करो फिर।
गौर से देखो जिसे तुम मार के खा रहे हो जिसका शोषण कर रहे हो उसकी चेतना भी बिलकुल तुम्हारी ही जैसी है ,उसे भी भूख दर्द प्यास प्यार सब महसूस होता है ,उसमे भी सारी भावनाएं है । अपने स्वाद के लालच में अंधे मत बनो,जैसे तुम्हे जिने का हक है वैसे ही सभी पशु पक्षियों को भी जीने का हक है।तुम्हे कोई मारे ये तुम्हे पसंद नही इसलिए इन्हे भी मत मारो।जियो और जीने दो न……