अपने रुपयों से पानीपुरी खाते हैं, तब प्लेट का पानी भी पी जाते हैं !! आइसक्रीम खाते वक्त ढक्कन भी चाट लेते हैं !!मूँगफली खाने के बाद छिलके मे दाना ढूढ़ते हैं !!
तो फ़िर किसी के विवाह में हम भोजन करते हैं, तो अन्न जूठा क्यों छोड़ते हैं ??
एक पिता अपनी बेटी की शादी में अपने जीवन भर की पूंजी लगाकर आपके लिये अच्छे व स्वादिष्ट भोजन की व्यवस्था करता है !! इस तरह भोजन को बर्बाद करके एक पिता के मेहनत की पूँजी का अपमान ना करें!
"उतना ही लो थाली में व्यर्थ न जाए नाली में"

Molly Singh
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