राष्ट्रपति महोदया इसी बारे में बात कर रही थीं!

उन्होंने बताया कि कैसे आम लोगों को उचित न्याय नहीं मिलता है, कैसे हमारी न्यायपालिका प्रणाली उनके साथ अलग व्यवहार करती है।

उन्होंने सचमुच CJI का सामना किया।

आठ हज़ार चयनित युवा लेखपालों को मैं यही सलाह दूंगी की राष्ट्रपति महोदया को पत्र लिखें क्योंकि न्याय व्यवस्था आपके साथ न्याय नही करेगी।