ये है वो 10 विवादित स्थल जिन्हें शिया वक्फ बोर्ड के पूर्व चेयरमैन वसीम रिजवी ने मंदिर मानकर हिन्दू समुदाय को सौपने के लिए मुस्लिम समुदाय को प्रस्ताव दिया था।

१. कूवत उल इस्लाम दिल्ली
२. शाही ईदगाह मथुरा
३. अटाला मज्जित जौंनपुर
४. ज्ञानव्यापी काशी
५. अदीना मज्जित मालदा
६. बीजा मंडल विदिशा
७. कमालुद्दीन भोजशाला
८. जामा मज्जित अहमदाबाद
९. जामी मज्जित पाटन
१०. ताजमहल आगरा

आज वे वसीम रिजवी उर्फ जितेंद्र त्यागी तीन माह से जेल में है लेकिन कोई सुधि लेने को तैयार नही है। हाईकोर्ट ने जमानत अर्जी रद्द कर दी और सुप्रीम कोर्ट तारीख नही दे रहा। जब तक वसीम रिजवी मुस्लिम रहे कोई उन्हें छूने की हिम्मत नही कर सका लेकिन जैसे ही घरवापसी हुई जेल में डाल दिये गए।

सम्भवतः देश का पहला मामला था जब कोई सैय्यद/अशराफ (मुस्लिम उच्च जाति) की घर वापसी हुई। अभी तक घर वापसी के उदाहरण केवल पसमांदा (मुस्लिम पिछड़ा दलित) के आते थे लेकिन प्रथम बार कोई सैय्यद/अशराफ वह भी वक्फबोर्ड का चेयरमैन घर लौटा था लेकिन हिन्दू समाज उसे सहेजकर नही रख पाया।

गौरतलब है कि अदालत के ऊपर इकोसिस्टम का बहुत दवाब है। तमाम मुस्लिम संगठन बड़े बड़े वकीलों की फौज लेकर वसीम रिजवी की जमानत का विरोध करने हर बार अदालत पहुंच रहे है। लेकिन सनातनी इकोसिस्टम शांत है।

एक सैय्यद का घर वापसी करना कितनी बड़ी घटना है ये वे जानते है लेकिन आप नही जान पाए। उन्होंने एड़ी चोटी का जोर लगा दिया वसीम रिजवी को रोकने के लिए लेकिन हम एड़ी घिसने को भी तैयार नही है।

वसीम रिजवी केवल एक व्यक्ति नही एक नरेटिव था 'सैय्यद नरेटिव" यदि उसे भुना लिया जाता तो आज घरवापसी की लाइन लग जाती और एक बड़ी लड़ाई हम जीत जाते।

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