मेरा अनुमान है कि अब #hemantsoren को बेल मिल जाएगी. केजरीवाल को छोड़कर और हेमंत सोरेन को अंदर रखकर न्यायपालिका ने अपनी बहुत थू-थू करा ली है. थूक के उस तालाब में अब कोर्ट का दम घुटने लगा है.

कोर्ट ने कोलिजियम सिस्टम के खिलाफ अब खुद ही माहौल बना लिया है. जज ही जज बनाएगा तो न्यायपालिका का क्या हो जाता है, ये देश ने देख लिया. जजों के कमरे रिश्तेदारों और जान-पहचान वाले निकम्मे लोगों से भर गए हैं. वे समय पर फैसले लिख ही नहीं पाते.

जिस सुप्रीम कोर्ट में केस 1992 तक पेंडिंग नहीं रहते थे, 1993 में कोलिजियम आने के बाद 80,000 केस पेंडिंग हो गए. जज अब जज के खिलाफ प्रेस कॉन्फ्रेंस करते हैं. ये पहले कभी नहीं हुआ.

हालात इतने बिगड़े कि महामहिम राष्ट्रपति को मी लॉर्डों को कहना पड़ा कि आपके यहां आने से लोगों के घर-बर्तन बिक जाते हैं.