दर्द से तड़पते हुए
बोझिल मन के वो सारे ‘दुख’
ख़ामोशी का लिबास ओढ़े
आँसुओं में भीगे अनकहे ‘शब्द’
एक वक़्त के बाद…
दर्द रिसते रहते है वक़्त बेवक्त !!
#सुप्रभात दोस्तों
दर्द से तड़पते हुए
बोझिल मन के वो सारे ‘दुख’
ख़ामोशी का लिबास ओढ़े
आँसुओं में भीगे अनकहे ‘शब्द’
एक वक़्त के बाद…
दर्द रिसते रहते है वक़्त बेवक्त !!
#सुप्रभात दोस्तों