9 वर्ष बीत चुके हैं इस खुलासे को, फिर भी करोड़ों ऐसे हैं जिन्हें बात समझ में नही आ रही है।

बहुत तो ऐसे भी हैं जिन्हें यह सच्चाई पता है फिर भी मानना नही चाहते।

वास्तव में अंधभक्ति इसी को कहते हैं। कुछ प्रश्न है मेरे उस प्रकार के लोगों से,

१. साई को मरणोपरांत जलाया गया था अथवा दफनाया गया था?

२. श्री सनातन धर्म का ऐसा कौन सा ग्रँथ है जहाँ पर साई का वर्णन है?

३. जब यह जीवित था तब भारत पर अंग्रेजों का शासन था, क्या साई ने उन अंग्रेजों के विरुद्ध भारत की स्वतंत्रता के लिये कोई कार्य किया था?

४. साई की उदी यदि चमत्कारिक थी तो उसने देह छोड़ने से पहले संसार के कल्याण के लिये वह विद्या किसी को सौंपी क्यों नही?

५. देवी सीता मय्या जी का ऐसा कौनसा दोष था जिसके कारणवश तुम प्रभु श्री राम जी के नाम (सियाराम) को उनके नाम से हटा कर साई के नाम को श्री राम जी के नाम से पहले लगाने का पाप कर रहे हो?

६. बृहस्पतिवार श्री हरि विष्णु जी का दिन होता है, तो यह दिन उनकी उपेक्षा कर के साई का दिन कैसे हो गया?