18 w - Translate

ब्राह्मणस्य हि देहोऽयं क्षुद्रकामाय नेष्यते।
कृच्छ्राय तपसे चेह प्रेत्यानन्तसुखाय च॥
यह ब्राह्मण का शरीर नीच वा छोटी-छोटी बातों के करने के लिए नहीं है, किंतु इस लोक कल्याण हीत हेतु में कठिन तप करने और उसका फलस्वरूप अपने पर्यावरण को सात्विका बनाये रखें और अनंत सात्विक सुख भोगने के लिए है।
जय दादा परशुरामजी की
#brahman #brahmansena #brahmankul #parshurambhagwan #prashuram #parshuramyesaptshloki #brahmanaye #brahmanektazindabad #brahmanunity #brahmansamajekta #brahmansamaj ie Shukla

image