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दिल्ली के पोल वॉल्टिंग चैंपियन देवराज सिंह अपने एथलेटिक सपनों को पूरा करने के लिए बेंगलुरु जा रहे हैं। आर्थिक तंगी के कारण जो सपना कभी नामुमकिन लग रहा था, आज अपनी मेहनत और लगन के दम पर वह उसे साकार करने की ओर बढ़ रहे हैं। उनकी यह कामयाबी सोशल मीडिया की ताकत को भी दर्शाती है। क्योंकि उनके सपने को पूरा करने में एक वायरल वीडियो ने भी अहम भूमिका निभाई है।
जिसमें देवराज एक कंस्ट्रक्शन वर्कर के तौर पर का काम कर रहे थे ताकि ट्रेनिंग के लिए पैसे जमा कर सकें। देवराज अच्छी ट्रेनिंग के लिए दिल्ली और गुड़गांव में अलग-अलग नौकरी करते हैं ताकि थोड़े-बहुत पैसे जोड़कर पोल वॉल्टिंग की सही ट्रेनिंग ले सकें। इसके लिए उन्होंने अपना शहर भीलवाड़ा भी छोड़ दिया।
15 साल की उम्र में देवराज ने पोल वॉल्टिंग चैंपियन 'सर्गेई बुबका' को टीवी में देखा था। जिसके बाद उन्होंने इस खेल में करियर बनाने का सपना देखा और बिना किसी फैंसी साधन के ट्रेनिंग करना शुरू किया। उन्होंने एक बांस के खंभे में प्रैक्टिस शुरू की और इसी तरह एक जिला प्रतियोगिता में पदक भी जीता।
2019 में, देवराज बड़े सपनों के साथ दिल्ली पहुंचे। खेल के प्रति अपने जुनून की वजह से उन्होंने रास्ते की हर तकलीफों को हराकर बस मेहनत को अपना लक्ष्य बनाया। एक सिक्योरिटी गार्ड से लेकर कंस्ट्रक्शन वर्कर जैसे हर एक काम किए जो उन्हें मंजिल के पास ले जाते।
आखिरकार आज, देवराज को उनकी दिन-रात की मेहनत का फल मिल गया है। उन्हें बेंगलुरु के कार्तिक शेनॉय ने वहां आकर ट्रेनिंग करने का ऑफर दिया और अब देवराज तैयार हैं अपनों सपनों में नए रंग भरने के लिए।

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