चुनावों से पहले ही |
एबीवीपी की पूछ खत्म |
आरएसएस को भाव देना खत्म |
बजरंग दल संगठन लगभग खत्म |
विश्व हिंदू परिषद का महत्व भी खत्म |
विद्या भारती का तो लभग नाम ही खत्म |
ऐसे लगभग 100 संगठनों का साथ देना खत्म |
चुनाव परिणाम कोई आश्चर्यजनक नहीं है | भाजपा के हर पुराने कार्यकर्ता को यह परिणाम पहले से ही पकता थे |
अब काफी लोग कहेंगे हम आलोचना कर रहे है | तो हां हम बिलकुल कर रहे हैं क्युकी आईटी सेल और पैसा कमाने वाले नही हैं | अपना समय देकर पार्टी को सत्ता में लाने का प्रयास करने वाले हैं |
राम राम |