16 w - Translate

भगवान सदाशिव सगुण स्वरूप में एक मुख
दो नेत्र शरीर चम्पा के फूल के समान सब प्रकार से मनमोहक अति अनुपम स्वरूप
शरीर पर उत्तमोंत्तम रत्न जडा़ऊ वस्त्रों से भूषित अग्नि के समान चमकते हुए मस्तक पर चन्दन कस्तूरी अगरू कुंकुम इत्र आदि लगा हुआ।
हाथों में मणिजटित अँगूठियाँ नेत्रों में काजल लगा हुआ समस्त संसार की सुन्दरता भगवान सदाशिव में समाहित हैं।
जो परमब्रह्म आदि मध्य अन्त रहित तथा सृष्टि उत्पन्न करने वाले हैं,जिनके सामने असंख्य कामदेव व असंख्य सूर्य आदि सब का तेज भी एक होने पर भी भगवान सदाशिव के सामने लज्जित होते हैं ऐसे परम प्रकाशवान तेजवान जिससे सभी उत्पन्न हुए हैं, उन भगवान सदाशिव को बारम्बार प्रणाम है।

image