सूरा सो पहिचानीऐ जो लरै दीन के हेत।
पुरजा पुरजा कटि मरै कबहू न छाडै खेतु।।
सबसे पहले उन्होंने गुरु तेगबहादुर जी का शीश काटने वाले जल्लाद का सिर काटा। फिर गुरु गोविन्द सिंह के दोनों पुत्रों को दीवार में चिनवाने वाले वजीर खान का वध किया!
महान वीर पुरुष को कोटि कोटि नमन l
अमर बलिदानी बाबा बन्दा सिंह बहादुर जी व उनके 4 वर्षीय सुपुत्र बाबा अजय सिंह जी के शहीदी दिवस (9 जून 1716) पर कोटि-कोटि नमन 🙏