मोदी का दूसरा झटका आ रहा है!

एक्ट 30-ए समाप्त हो सकता है!

मोदी जी हिन्दुओं के साथ किये हुये विश्वासघात को सुधारने के लिए पुरी तरंह से तैयार हैं।

क्या आपने "कानून 30" और कानून "30 ए" सुना है?

क्या आप जानते हैं "30A" का हिन्दी में क्या मतलब होता है ?

अधिक जानने के लिए देर न करें:

30-A संविधान में निहित एक कानून है।

जब नेहरू ने इस कानून को संविधान में शामिल करने की कोशिश की तो सरदार वल्लभ भाई पटेल ने इसका कड़ा विरोध किया।

सरदार पटेल ने कहा, "यह कानून हिन्दुओं के साथ विश्वासघात है, इसलिए अगर यह कानून संविधान में लाया गया, तो मैं कैबिनेट और कांग्रेस पार्टी से इस्तीफा दे दूंगा। इसके खिलाफ।"

आखिरकार सरदार पटेल की इच्छा के आगे घुटने टेकने पड़े थे नेहरू को।

लेकिन दुर्भाग्य से पता नहीं... इस घटना के बाद कुछ महीनों में सरदार वल्लभ भाई पटेल की अचानक मौत हो गई...?

सरदार पटेल की मृत्यु के बाद, नेहरू ने इस कानून को संविधान में तुरंत शामिल किया।

30-ए क्या है, मैं आपको इसकी विशेषताएं बता दूँ!...

इस कानून के अनुसार: हिंदुओं को अपना "हिन्दू धर्म" सिखाने/पढ़ाने की अनुमति नहीं है। "अधिनियम 30-ए" उसे अनुमति या अधिकार नहीं देता है...

इसलिए हिन्दुओं को अपने निजी कॉलेजों में हिंदू धर्म नहीं पढ़ाना चाहिए।

हिंदू धर्म सिखाने/पढ़ाने के लिए कॉलेज शुरू नहीं होने चाहिए। हिन्दू स्कूलों को हिंदू धर्म सिखाने के लिए शुरू नहीं किया जाना चाहिए। एक्ट 30-ए के तहत पब्लिक स्कूलों या कॉलेजों में हिन्दू धर्म संस्कृती पढ़ाने की किसी को अनुमति नहीं है।

यह अजीब लगता है, (30-ए) नेहरू ने अपने संविधान में एक और कानून बनाया "कानून 30"। इस "कानून 30" के अनुसार मुसलमान, सिख और ईसाई अपनी धार्मिक शिक्षा के लिए इस्लामी, सिख, ईसाई धार्मिक स्कूल शुरू कर सकते हैं।

मुसलमान, सिख और ईसाई अपना धर्म सिखा सकते हैं।

कानून 30 मुसलमानों को अपना 'मदरसा' शुरू करने का पूरा अधिकार और अनुमति देता है और संविधान का अनुच्छेद 30 ईसाइयों को अपने धार्मिक स्कूल और कॉलेज स्थापित करने और पढ़ाने और सिखाने का पूरा अधिकार और अनुमति देता है। फ्री में अपने धर्म का प्रचार करो... इसका दूसरा कानूनी पहलू यह है कि हिन्दू मंदिरों का सारा पैसा और संपत्ति सरकार के विवेक पर छोड़ी जा सकती है, हिन्दू मंदिरों में हिंदू भक्तों द्वारा किए गए सभी धन और अन्य दान को राज्य के खजाने में ले जाया जा सकता है।

वहीं मुस्लिम और ईसाई मस्जिदों से दान और भिक्षा केवल ईसाई मुस्लिम समुदाय के लिए दी जाती है। इस "कानून 30" की विशेषताएं इस प्रकार हैं।

इसलिए, "अधिनियम 30-ए"और "अधिनियम 30" हिन्दुओं के साथ जानबूझकर भेदभाव और सोच सझकर व्यवस्थित बहुत बड़ा किया हुआ विश्वासघात है।

यह बात सभी को अच्छी तरह समझ लेनी चाहिए कि आज हिन्दू लोक कथाओं तक सीमित है। हिन्दुओं को अपने शास्त्रों का ज्ञान नहीं है।

जानिए, दूसरों के प्रति जागरूकता, आइए हम सभी सनातन धर्म की रक्षा करें। पढ़ें, सीखें और आगे फैलाएं...

यह अनुच्छेद 30-ए के कारण है:

कि हम अपने देश में कहीं भी भगवद गीता नहीं पढ़ा सकते हैं।

पढ़ने के बाद सही लगे तो इसे अवश्य फॉरवर्ड करें। ताकि सबको पता चले कि नेहरु ने ऐसा किस लिए और क्यों किया था?

यदी आप हिंदू हैं तो कृपया इसे 5 लोगों को जरूर फॉरवर्ड करें।

धन्यवाद 🙏🙏

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