जम्मू-कश्मीर में पूर्व मुख्यमंत्रियों महबूबा मुफ़्ती और उमर अब्दुल्ला तथा उनके करीबी रिश्तेदारों द्वारा 200,000 एकड़ ज़मीन (लगभग 600 वर्ग किलोमीटर जो कि मुंबई के आकार के बराबर है) पर अवैध रूप से कब्ज़ा किया गया है। इसमें मौजूद सभी अनगिनत इमारतें नष्ट कर दी गई हैं। पिछले 3 दिनों से लगातार सभी अवैध ढांचों पर बुलडोज़र चलाया जा रहा है। अब हम अनुच्छेद 370 को हटाने के विरोध को समझ सकते हैं... ज़मीन, संसाधनों पर 3 परिवारों का स्वामित्व और पूरे राज्य (जिसमें लद्दाख का विशाल क्षेत्र भी शामिल था) के विकास निधि का दुरुपयोग दांव पर लगा था मोदी सरकार के इसी कलेक्शन से जितने भी शोर और बेईमान विपक्ष के नेता है मोदी का विरोध नहीं करते हैं बल्कि मोदी से नफरत करते हैं की किस तरह मोदी को हटाया जाए क्योंकि मोदी इनका भ्रष्टाचार समाप्त करने पर तुले हुए हैं किसी को माफ नहीं कर रहे हैं चाहे वह कितना बड़ा भी नेता हो।