राहुल गांधी संसद में चीख रहे हैं कि हिन्दू केवल हिंसा की बात करते हैं। ये किस मजहब के बच्चे हैं जिन्हें खेलने कूदने की उम्र में स्कूल में हिंसा करना सिखाया जा रहा है? इस हिंसक मजहब से अपने परिवार की रक्षा करने के लिए बचाव के उपाय करना भी कांग्रेसियों को हिंसा इसलिए लग रहा है, क्योंकि वे चाहते हैं कि हिन्दू बिना किसी प्रतिरोध के समाप्त हो जाये। दुष्यंत कुमार ने ऐसे ही निर्लज्जों के लिए व्यंग्य लिखा था, "उन की अपील है कि उन्हें हम मदद करें, चाक़ू की पसलियों से गुज़ारिश तो देखिए!"