13 w - Translate

मैं लिखना चाहती थी कि
लाख बिसराने के बावजूद,
इतना चीखने चिल्लाने के बाद भी,
तुम क्यूं याद आते हो बहुत,
मैं लिखना चाहती थी,
कि जितनी दूर तलक जाती है ,
ये निगाह मेरी,
हर एक शख्स में ,
क्यों दिखाई देती है मुझे,
सूरत तेरी ,
मैं लिखना चाहती थी,
कि भावनाओ का वो समुंदर ,
जो मेरे हृदय में भरा था ,
तुम्हारा प्रेम बनकर,
क्या तुम्हे भी था ,
उसमे से बूंद भर प्रेम मुझसे,
मैं लिखना चाहती थी ,
कि जब पलकें भीग जाने पर,
कुछ दिखाई नही देता,
तब भी उन बंद पलकों में,
सिर्फ तुम्हे ही क्यों पाया मैने,
मैं लिखना चाहती थी,
कि ये परछाइयां जिन्हे देख,
लोग अक्सर डर जाते हैं,
मैं तुम्हे क्यों आखिर,
उन्ही परछाइयों में ढूंढती रही,
मैं लिखना चाहती थी,
कि जिन रास्तों पर ,
अनेकों लोग आए और गए,
मैं उन्हीं राहों पर ,
तेरे कदमों के निशान क्यूं ढूंढती रही,
मैं लिखना चाहती थी ,
कि विरह की पीड़ा का दंश,
जिसे सहकर लोग मर भी जाते हैं,
मैं उसी दंश को ,
आखिर क्यों सहती रही जीवित रहकर___!!

imageimage