मैं पिछले साल मालाबार इलाके में खूब घूमा था मतलब उडुपी मैंगलोर होते हुए कासरगोड के पट्टे से फिर थोड़ा बहुत आंध्र प्रदेश का एरिया... वहीदा रहमान भी इसी इलाके से थी

मात्र कुछ दशकों में मालाबारी मुस्लिम महिलाओं के पहनावे में खतरनाक बदलाव आया है और यह बदलाव मुस्लिम मौलवियों द्वारा किए जा रहे ब्रेनवाश के फलस्वरुप आया है

पहले मेरे गांव की मुस्लिम महिलाएं भी हिंदू महिलाओं की तरह साड़ियां पहनती थी सिंदूर लगाती थी लेकिन अब मैं अपने गांव जाता हूं तो यह देखकर हैरान रह जाता हूं कि अब मेरे गांव की मुस्लिम महिलाएं साड़ी छोड़कर बुर्का पहनने लगी

साठ के दशक में पूरे कश्मीर में एक भी महिला बुर्के में नहीं दिखती थी बल्कि वह परंपरागत कश्मीरी पहनावे में नजर आती थी लेकिन आज आप कश्मीर में जाएंगे एक भी महिला आपको परंपरागत कश्मीरी पहनावे में नजर नहीं आएगी बल्कि वह बुर्के में नजर आएगी

और इधर लोग कश्मीरियत बचाने की चिंता करते हैं जबकि कश्मीर में कश्मीरीयत अब बचा ही नहीं अब तो इस्लामियत आ गई

image