" एक घंटा संघ में जाना संघ का कार्यक्रम है, कार्य नहीं। घर-घर का हिसाब रखें कि संघ के मूलभूत विचारों के अनुसार 23 घंटे अपना व्यवहार रहा या नहीं रहा, इसका हिसाब संघस्थान के एक घंटे में करना चाहिए। दुष्टता और स्वार्थ के विचार यदि 23 घंटे चलते रहे, तो एक घंटा संघ में आकर दिल - जमई नहीं हो सकती। "
- श्री गुरूजी