अब्दुल मजीद नाम का यह व्यक्ति बांग्लादेश की सेना में था। इसने वहां के पहले प्रधानमंत्री और राष्ट्रपति शेख मुजीब रहमान की हत्या की और उसके बाद फरार हो करके 20 वर्ष भारत में नाम बदलकर रहा। इसने कोलकाता में पढ़ाने का काम किया मुस्लिम धर्म का प्रचार किया।

एक जरीना नाम की महिला से 64 वर्ष की उम्र में इसने शादी की। वह महिला विधवा थी
उस महिला की उम्र करीब 37 वर्ष थी। उसकी एक बेटी थी। इसने 2007 में तो पासपोर्ट बनवाए। इसके पास आधार कार्ड और दूसरे दस्तावेज थे।

आप देखिए कितना जरूरी है एनआरसी।

यह आदमी जब फरवरी में बांग्लादेश से गायब हुआ क्योंकि इसके विरुद्ध बांग्लादेश में चले मुकदमे में फांसी की सजा हो चुकी थी और उसमें फरार था। इसे बांग्लादेश पुलिस द्वारा पकड़ लिया गया तो इसकी पत्नी ने कोलकाता में इसके गायब होने की रिपोर्ट लिखाई और जब इसे बांग्लादेश में 12 अप्रैल को फांसी हुई और अखबारों में छपा तब उसकी पत्नी को जानकारी हुई कि उसका जो पति था वह बांग्लादेश का रहने वाला था और वहां का फरार अभियुक्त था।
यह व्यक्ति टोटल 22 साल फरार रहा। इसमें से 20 वर्ष भारत में रहा। एनआरसी इसीलिए जरूरी है। ऐसे लोगों की जानकारी करने के लिए जरूरी है कि इस प्रकार के कई अपराधी भारत के अंदर हो सकते है।

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