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अमीटा गांव की रहने वाली दिव्यांग बैडमिंटन खिलाड़ी स्वाति सिंह ने अपने खेल के दम पर दक्षिण अफ्रीका के युगांडा शहर में आयोजित बैडमिंटन चैंपियनशिप में दो कांस्य पदक जीत कर देश और जिले का नाम रोशन किया है। स्वाति सिंह के जालौन के उरई रेलवे स्टेशन पहुंचने पर शुभचिंतकों और आरपीएफ जवानों ने जोरदार स्वागत किया। इस दौरान उनके समर्थकों बैंड बाजे के साथ जुलूस निकालकर जोरदार स्वागत किया।
बता दें कि साउथ अफ्रीका के युगांडा शहर में 1 से 7 जुलाई के बीच अंतर्राष्ट्रीय पैरा बैडमिंटन चैंपियनशिप प्रतियोगिता का आयोजन हुआ था, जिसमें देश के कई दिव्यांग खिलाड़ियों ने प्रतिभाग किया, जिसमें खिलाड़ियों ने देश के लिए 3 गोल्ड और दो कांस्य पदक जीते हैं। इसमें छात्रा रुचि त्रिवेदी को 3 गोल्ड एवं जालौन की स्वाति सिंह ने दो कांस्य पदक जीते हैं। वहीं, मेडल जीतने के बाद स्वाति अपने घर लौटी तो जिले के लोगों ने भव्यता से बेटी का स्वागत किया। वहीं स्वाती ने कहा कि देश के लिए मेडल जीत पाना बहुत खुशी की बात है।
कहा- अभी मंजिल तक पहुंचाना बाकी है
आर्थिक स्थिति से जूझी, लेकिन हौसले को रखा बरकरार
कहने को तो स्वाती खिलाड़ी हैं, लेकिन दिव्यांग होने की वजह से उसने अपने एक हाथ को ही अपनी ताकत बनाया और अपनी दिव्यांगता को लक्ष्य के बीच में नहीं आने दिया। इसी दम पर उसने अपने प्रतिद्वंद्वी खिलाड़ियों को चारों खाने चित कर दिया।
बातचीत के दौरान बताया कि वह लखनऊ के डॉ शकुंतला मिश्रा राष्ट्रीय पुनर्वास विश्वविद्यालय में बैचलर ऑफ आर्ट की छात्रा हैं। उनके पिता किसान हैं और माता गृहणी। आर्थिक स्थिति कमजोर होने की वजह से बड़े कंपटीशन में खेलना उसका सपना रह गया था। इस बीच जालौन डीएम से मदद की गुहार लगाई थी। जिसमें

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