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बबिता कुमारी की कहानी एक असाधारण प्रेरणा का स्रोत है, जो भारतीय कुश्ती में उनके महत्वपूर्ण योगदान को दर्शाती है। 😊 हरियाणा के छोटे से गाँव बलाली में जन्मी, बबिता ने अपने पिता महावीर सिंह फोगाट के मार्गदर्शन में कुश्ती के गुर सीखे। 🏋️‍♀️ महावीर फोगाट ने अपने बच्चों को कुश्ती में प्रशिक्षित करने का सपना देखा था, और बबिता ने इस सपने को साकार करने में कोई कसर नहीं छोड़ी। 💪
बबिता कुमारी ने अपनी मेहनत और दृढ़ संकल्प के बल पर 2010 में दिल्ली में आयोजित कॉमनवेल्थ गेम्स में सिल्वर मेडल जीतकर पहली बार अंतरराष्ट्रीय मंच पर अपनी पहचान बनाई। 🥈 यह उनकी पहली बड़ी उपलब्धि थी, जिसने उन्हें भारतीय कुश्ती में एक उभरते हुए सितारे के रूप में स्थापित किया। 🌟 इसके बाद, 2014 में ग्लासगो में आयोजित कॉमनवेल्थ गेम्स में बबिता ने गोल्ड मेडल जीतकर सभी को चौंका दिया। 🥇 इस जीत ने उन्हें राष्ट्रीय हीरो बना दिया और भारतीय खेल जगत में उनकी प्रतिष्ठा को और मजबूत किया। 🎉

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