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अब समझ आता है कि मैं इतनी messy क्यूं हूं ... बचपन से ही..
क्यूंकि बचपन में ही वो मुझे अचानक से एक दिन बिखरा हुआ ही छोड़ कर ही इस दुनिया से हमेशा के लिए चली गईं थीं..
मैंने सालों तक उम्मीद ज़िंदा रखी... उनके आने की.. पर वो इस दुनिया में होती, तभी आतीं ना....
शायद तभी से मैं अंदर..
बाहर हर जगह से बिखरी बिखरी सी रहने लगी...
मुझे महसूस होता है मैं, किसी भी चीज को कितना भी समेट कर रखूं..
हर चीज़ मेरे सामने देखते ही देखते बिखर ही जाती है..
न जाने क्यूं... पर बिना किसी गलती के
मेरे प्रति हर किसी के जज़्बात... एक वक़्त के बाद मुझे खोखले से महसूस होने लगते हैं...
मैं पूछने की हिम्मत तक नहीं जुटा पाती...
हर कुछ मेरी आंखों के सामने से खोता चला जाता है..
मुझे निश्छल .. मोह... और स्नेह बड़ी जल्दी आता है... और वो समय के साथ काफ़ी ज़्यादा गहरा होता जाता है...
और वो हर रिश्ता .. जो मेरे लिए बहुत ज़रूरी हो जाता है... एक वक्त के बाद मेरी नज़रों के सामने से ही देखते ही देखते अचानक से किसी धुंध में जाकर ओझल हो जाता है..
मैं लाख़ चाहते हुए भी.... आवाज़ तक नहीं दे पाती...
“मैं बस देखती रहती हूं..
हर एक चीज़ को जाते हुए..!!”
मैं किसी को भी नहीं रोक पाती ... शायद ही कभी किसी से कोई शिकायत कर पाती हूं..
क्यूंकि अब मुझे यक़ीन है..
“मेरे जीवन में हर एक चीज़ का अचानक से चले जाना तय है..”
मैं डरती हूं... हर उस चीज़ को ये जताने से... कि वो मेरी ज़िन्दगी के लिए सबसे ज़रूरी हैं.. मुझे पता है कि एक समय के बाद उसका खोना /जाना तय है..!!
ये उम्र थकने की नहीं है, पता है मुझे...
पर.. मैं थक चुकी हूं समेटते और संजोते संजोते.....फिर एक दिन अचानक से उसे खो देने से...!!
मैं खोई हुई चीज़ों को ढूंढने के प्रयास से भी अब डरने लगी हूं... !!
मैं न रुकना चाहती हूं... पर जीवन में आगे बढ़ा भी नहीं जा रहा..
“मैं खोने में इतनी माहिर हो चुकी हूं... कि मैं अकेले... अपनी कल्पनाओं में... घंटों खोई रह सकती हूं... ”
ये कल्पनाएं ही हैं... जो सदा मेरे साथ रहेंगी... मुझे कभी एक मिनट के लिए भी अकेले नहीं छोड़ेंगी.. बाकी सब कुछ क्षणिक है...
पर ये क्षणिक चीज़ें जीवन पर गहरा प्रभाव छोड़ जाती हैं... 🖤 ✍️
#innocentsoul 🦋✨🕉️
#traveldiaries
#memories

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