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किस्सा दोस्त की सुहागरात का
सुहागरात के लिए जितना इक्सिटमेंट लडको को होता है उससे ज्यादा लड़की को होता है, कारण क्या है ये किसी से छिपा नहीं है
पर लड़की को एक्साइटमेंट के साथ थोड़ा डर शर्म और घबराहट होती है,
मेरी शादी जबरदस्त ठंडी में हुई थी 4 जनवरी को, शादी के समय ठंड इतनी थी की गुलाबजामुन और नान पत्थर हो गए थे
क्यों की हम बिहार से हैं तो तो शादी के बाद तुरंत सुहागरात नही होती है
हमारे यहां एक रस्म होती है कंगन छुड़ाई की, उसके बाद ही आप के पतिदेव आप के करीब सकते हैं
और इधर हमारे यहां शादी में फर्नीचर और बेड हमेशा से लड़की की तरफ से दिया जाता है शादी के बाद
तमाम तरह के फंक्शन होते हैं
सब कुछ हुआ और मेरे घर से मिला बेड हमारे कमरे में बिछाया गाया, बेड पर बढ़िया Dunlap का गद्दा भी बिछाया गया, और फिर कमरे में सेज सजाई गई
सारे रस्मो रिवाज के बाद अब बारी थी पतिदेव के साथ समागम रचाने की,
जैसे ही हम कमरे में आए उस समय रात के 10 baj रहे थे, और घर में सन्नाटा छा गया था, एक सूई भी गिरती आवाज पूरे घर में आती
कमरे में घुसते ही जैसे मैं पतिदेव के करीब गई अजीब सी चीबड़ चिबड़ की आवाज आई, जब हमने देखा तो
गद्दे पर से पन्नी भी नही हटी थी उसे और वो जोर जोर से आवाज कर रही थी
पूरी रात हमने यही सोच के सिर्फ लेट के बिता दी की बाहर आवाज आजाएगी तो लोग क्या सोचेंगे,
लेकिन ज्यादा देर तक रहा नही गया
और 3 बजे हमने भी सोचा अब सब सो गए होंगे, चलो करते हैं
जैसे ही हम दोनो के बीच कार्यक्रम शुरू हुआ दरवाजे से भाभी की आवाज आई, और बोली सो जाइए अब
अब तो पूरी जिंदगी साथ रहना है, बहुत समय है
बाहर तक आवाज आरहै हैं
मैं शर्म के मारे लाल हो गई और बिना कुछ हुए हमारी सुहागरात बन गई
सुबह उठे तो दरवाजा खोलते भाभी सामने खड़ी थी और मुकुसरते हुए मुझे देख रही थी
मैने भी उन्हें उमस्कुराते हुए देखा, और मन में सोचने लगी की जिसके लिए ये मुस्कुरा कर देख रही हैं
वो तो कुछ हुआ ही नहीं है
और ऐसी थी मेरी दोस्त की सुहागरात

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