5 w - Translate

जेहिं यह कथा सुनी नहिं होई। जनि आचरजु करै सुनि सोई॥
कथा अलौकिक सुनहिं जे ग्यानी। नहिं आचरजु करहिं अस जानी॥
रामकथा कै मिति जग नाहीं। असि प्रतीति तिन्ह के मन माहीं॥
नाना भाँति राम अवतारा। रामायन सत कोटि अपारा॥🪷
आज प्रभु श्री राम जी कृपा से श्री रामचरित मानस के सम्पूर्ण मासपारायण का विश्राम हुआ। प्रभु की कृपा सदैव यूं ही बनी रहे और जीवन पर्यंत प्रति वर्ष श्रावण के पवित्र मास में श्री मानस का पाठ करने का सौभाग्य मिलता रहे। ये पाठ हम तीनों (मैं, धर्मपत्नी और पुत्र) मिलकर पूर्ण करते हैं।
अब प्रभु कृपा करहु एहि भाँति।
सब तजि भजनु करौं दिन राती॥
🙏सभी को सादर जय सियाराम 🙏
जय श्री रामचरित मानस की
🙏जय हो बाबा तुलसीदास की🙏

imageimage