सुबह होते ही
न जाने कौन
आसमान के सारे चमकते हुए सितारे
समेट कर रख देता है ।
न जाने कौन है
जो बिन बताए
बादलों में बारिशें भर देता है ।
मैंने कई बार सोचा है
पूछूं उससे
कि मेरी आंखों में चमकते सितारे समेट
उनमें बारिशें भरने वाले
तुम ही तो नहीं ??
~गुंजन
#repost