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जब बात प्रतिभा की होती है, तो उम्र सिर्फ एक संख्या बन जाती है। ऐसा ही एक उदाहरण हैं अभिजीता गुप्ता, जिन्होंने मात्र 7 साल की उम्र में अपनी किताब लिखकर सबको चौंका दिया है। इस अद्भुत प्रतिभा को देखकर दिल से एक सैल्यूट तो बनता है। 🙌🎉
अभिजीता गुप्ता, भारत के प्रसिद्ध कवि स्वर्गीय मैथिलीशरण गुप्त की पोती हैं। उनके परिवार में साहित्य का गहरा प्रभाव है और यही वजह है कि अभिजीता ने इतनी छोटी उम्र में ही लेखन की दुनिया में कदम रख दिया।
अभिजीता ने अपनी पहली किताब लिखने में तीन महीने का समय लिया। इस किताब में उनकी कल्पनाशक्ति और लेखन कौशल की झलक मिलती है। उनकी किताब ने सभी को प्रभावित किया और यह साबित कर दिया कि सच्ची प्रतिभा उम्र की मोहताज नहीं होती।
अभिजीता गुप्ता का नाम सबसे कम उम्र की लेखिका के रूप में एशिया बुक ऑफ रिकॉर्ड्स और इंटरनेशनल बुक ऑफ रिकॉर्ड्स में दर्ज हो चुका है। यह उपलब्धि न केवल अभिजीता के लिए बल्कि पूरे देश के लिए गर्व का विषय है।
अभिजीता की इस उपलब्धि में उनके परिवार का भी बड़ा योगदान है। उनके माता-पिता और परिवारजनों ने हमेशा उनका हौसला बढ़ाया और उन्हें प्रेरित किया। यह परिवार की ही प्रेरणा और समर्थन का परिणाम है कि अभिजीता इतनी छोटी उम्र में इतनी बड़ी उपलब्धि हासिल कर पाईं।
अभिजीता गुप्ता की कहानी हर उस बच्चे और युवा के लिए प्रेरणा है जो अपने सपनों को पूरा करना चाहते हैं। उनकी मेहनत, समर्पण और आत्मविश्वास से यह साबित होता है कि उम्र चाहे जो भी हो, अगर आपके पास दृढ़ निश्चय है, तो आप किसी भी लक्ष्य को हासिल कर सकते हैं।
अभिजीता गुप्ता की इस अद्भुत उपलब्धि के लिए हम उन्हें दिल से सैल्यूट करते हैं। उनकी मेहनत और प्रतिभा को सलाम, और हम उम्मीद करते हैं कि वे आगे भी इसी तरह अपने सपनों को साकार करती रहेंगी और हमें गर्व का मौका देती रहेंगी।
अभिजीता गुप्ता, आपकी अद्भुत प्रतिभा और मेहनत को सलाम! 🌟📚🙌

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