आप कहते हैं कि शब्दों में क्या रखा है...?
रखा है....!
शब्दों के खेल से ही एक मानव - समूह पिशाच हो गया, दूसरा राक्षस हो गया, तीसरा भूत हो गया....
शब्दों के खेल से ही एक राजा - समूह सांप हो गया, दूसरा भैंसा हो गया, तीसरा असुर हो गया.....
और अनेक जातियाँ शूद्र हो गईं....