वक्फ और बदलता वक्त!
इसे समय का फेर ही कहेंगे कि जिस वक्फ बोर्ड की मनमानियों पर सत्ता तंत्र की खामोशी, समाज की अज्ञानता और चुप्पी की चादर पड़ी थी,
उसी वक्फ बोर्ड कानून में सुधार और संशोधन के लिए खुद मुस्लिम समाज से मुखर आवाजें उठने लगी हैं।
पढ़िए पाञ्चजन्य का नवीन अंक!