आखिर वक्फ बोर्ड अधिनियम 1995 को खत्म करने में क्या परेशानी है, और क्यों धार्मिक आधार पर बनी संस्था को इतनी छूट दी गई की वो जिसकी मर्जी चाहे उसको हड़प लेती है, और दूसरी बात पीड़ित कोर्ट में भी नहीं जा सकता आखिर कांग्रेस और सेकुलर चाहते क्या हैं
वक्फ बोर्ड अधिनियम 1995 के वक्फ बोर्ड एक्ट से देश में असमानता फैली हुई है और वहीं बड़े स्तर पर धर्मांतरण का खेल भी इसकी आड़ में खेला जा रहा है.
जिस आरएसएस को ये लोग दिन रात गाली देते हैं क्या उसने कभी भी इस तरनह से कोई कब्जा किया है, पूरे राष्ट्र में कहीं भी एक ऐसा उदाहरण हो तो बताओ
यदि वक्फ बोर्ड बनाया गया तो हिंदुओं की संस्था को क्यों ऐसी छूट नहीं दी गई
केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार वक्फ बोर्ड अधिनियम में बड़े संशोधन करने के लिए तैयार है. केंद्रीय मंत्रिमंडल ने अधिनियम में लगभग 40 संशोधनों को मंजूरी दे दी है, जिसे वक्फ बोर्ड की शक्तियों को फिर से परिभाषित करने की दिशा में अहम कदम माना जा रहा है. कहा जा रहा है कि केंद्र सरकार वक्फ़ बोर्ड की किसी भी संपत्ति को "वक्फ संपत्ति" बनाने की शक्तियों पर अंकुश लगाना चाहती है. वर्तमान में वक्फ बोर्डों के पास करीब 9 लाख 40 हजार एकड़ में फैली करीब 8 लाख 72 हजार 321 अचल संपत्तियां हैं. चल संपत्ति 16,713 हैं.जिनकी अनुमानित कीमत 1.2 लाख करोड़ रुपये बताई जा रही है. ये संपत्तियां विभिन्न राज्य वक्फ बोर्डों द्वारा प्रबंधित और नियंत्रित की जाती हैं और इनका विवरण वक्फ एसेट्स मैनेजमेंट सिस्टम ऑफ इंडिया (WAMSI) पोर्टल पर दर्ज किया गया है.