बहुत ही टैलेंटेड लोग थे।
एक दम परफेक्ट सभ्यता बनाई थी। जीवन के हर क्षेत्र में व्यवस्था ऐसा किये कि कहीं क्षति हो तो उसकी पूर्ति भी होनी चाहिये।
शाकाहार को अपनी सभ्यता का एक प्रमुख परंपरा बनाये। संसार के 90% शाकाहारी भारत में निवास करते थे, हैं। जो लोग यहां मांसाहारी है वह भी एक तरह से मांसाहारी नहीं है। बस उन्हें मांसाहार से परहेज नहीं हैं।
यदि मैं पौष्टिकता के मानकों से बात करूं तो 100% हिंदू शाकाहारी हैं।
लेकिन मानव शारीरिक विकास में मात्र शाकाहार प्रयाप्त नहीं होगा। उन्होंने इसके लिये गाय को इतना महत्व दिया कि वह सबसे पवित्र धार्मिक प्रतीक बन गई।
गाय का दूध सम्पूर्ण भोजन है। गाय के स्वभाव में देवत्व का समावेश है।
आपकी पीढ़ियां हजारों वर्ष तक जीवित रहें, बलिष्ठ, स्वस्थ रहें। इसकी पूरी व्यवस्था करके गये थे।
आप को यह विश्वास ही करना पड़ेगा। आपके पूर्वजों को आपकी बहुत चिंता थी। हमारी आने वाली हजारों पीढ़ियां कैसे स्वस्थ, बलिष्ठ, निर्भीक, साहसी रहे। इसकी पूरी व्यवस्था करके गये।
उस प्राचीन विचार और सबसे आधुनिक व्यवस्था में लौटना ही होगा। उसमें गौ का बड़ा महत्व है।।