पी.टी. उषा, जिन्हें 'पय्योली एक्सप्रेस' के नाम से भी जाना जाता है, भारतीय एथलेटिक्स की सबसे महान धाविकाओं में से एक हैं। 27 जून 1964 को केरल के कोझिकोड जिले के पय्योली गांव में जन्मी पी.टी. उषा ने बहुत कम उम्र में एथलेटिक्स में अपनी रुचि दिखाई और 1980 के दशक में भारतीय खेल जगत में एक प्रमुख नाम बन गईं। उनकी गति, ऊर्जा, और समर्पण ने उन्हें 'गोल्डन गर्ल' का खिताब दिलाया। 1984 के लॉस एंजिल्स ओलंपिक में उन्होंने 400 मीटर बाधा दौड़ में चौथा स्थान हासिल किया और मात्र एक सेकंड से कांस्य पदक से चूक गईं। हालांकि, उनके इस प्रदर्शन ने दुनिया भर के एथलीट्स और भारतीय खेल प्रेमियों का दिल जीत लिया। एशियाई खेलों और एशियन चैंपियनशिप में उन्होंने भारत के लिए कई स्वर्ण, रजत, और कांस्य पदक जीते, जिससे वे भारतीय एथलेटिक्स की सबसे बड़ी स्टार बन गईं।
पी.टी. उषा के पति का नाम वी. श्रीनिवासन है, जो केरल के पलक्कड़ जिले से ताल्लुक रखते हैं और पेशे से एक सिविल इंजीनियर हैं। दोनों ने 1991 में शादी की और तब से एक खुशहाल दांपत्य जीवन जी रहे हैं। श्रीनिवासन ने हमेशा पी.टी. उषा के करियर और सपनों का समर्थन किया, और उनके प्रति उनके समर्पण और सम्मान ने इस जोड़ी को एक आदर्श दंपति बना दिया। शादी के बाद भी पी.टी. उषा ने अपने खेल के प्रति अपना समर्पण जारी रखा, और श्रीनिवासन ने उनके हर कदम पर उनका साथ दिया। उनका यह रिश्ता न केवल उनके परिवार बल्कि भारतीय खेल जगत में भी एक प्रेरणा है, जो यह दर्शाता है कि कैसे एक-दूसरे के सपनों और आकांक्षाओं का सम्मान करने से एक सफल और संतुलित जीवन जिया जा सकता है।