किसी भी खेल का एक महान खिलाड़ी एक किसान की तरह होता है
जो अपने खेल से नवयुवाओ के दिमाग में अपने खेल के बीज बोता हे और फिर वो बिज अंकुरित होकर बड़ा पेड़ बनते है और फल देते हे
आज प्रज्ञा , गुकेस, विदित ,अर्जुन और श्रीनाथ जैसे खिलाड़ी हो या महिला खिलाड़ी हो उन्होंने बचपन में चेस खेलते समय एक सपना जरूर देखा होगा
विश्वनाथ आनंद जैसा खिलाड़ी बनने का । और आज वो दुनिया मे भारत का तिरंगा शान से लहरा रहे हे
तो उन सबकी एक प्रेरणा स्त्रोत रहे हे " विश्वनाथ आनंद "
और ये सब नवयुवा आने वाली पीढ़ी के प्रेरणास्त्रोत बनेंगे
नमन हे आपको विश्व सर