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जिलूमोल मेरिएट की कहानी अपने आप में एक मिसाल है। जन्म से ही बिना पैरों के होने के बावजूद उन्होंने अपने हौसलों को कभी टूटने नहीं दिया। केरल की रहने वाली जिलूमोल ने अपनी कला को अपने जुनून में बदल दिया और अपने हाथों का इस्तेमाल न कर पाने के बावजूद, पैरों से पेंटिंग बनाना शुरू किया। 🎨
वो बचपन से ही रंगों और ब्रश के प्रति आकर्षित थीं, लेकिन उनके लिए यह राह आसान नहीं थी। परिवार और दोस्तों का हौसला बढ़ाने के कारण उन्होंने अपने सपनों को साकार करने की ठानी। जिलूमोल ने पैरों से पेंटिंग बनाने की कला को इतनी खूबसूरती से निखारा कि आज वे अपनी कला से लोगों को प्रेरित कर रही हैं। 🌈
उनकी पेंटिंग्स में जीवन के हर रंग को उकेरने की एक खासियत है, जो बताती है कि अगर इंसान में जज्बा और लगन हो, तो कोई भी चुनौती बड़ी नहीं होती। आज जिलूमोल न केवल अपनी कला के जरिए अपनी पहचान बना चुकी हैं, बल्कि वे उन सभी के लिए प्रेरणा हैं जो अपने जीवन की कठिनाइयों से हार मानने का सोचते हैं। उनकी पेंटिंग्स उनके दृढ़ संकल्प और आत्मविश्वास की जीती-जागती तस्वीर हैं। 🌟

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